उत्तराखंड़: मंडरा रहा बड़ा खतरा, कई परिवारों ने छोड़ दिए अपने घर, ये है मामला

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पिथौरागढ़: भारी बारिश लोगों के लिए लगातार मुसीबतें खड़ी कर रही है। आसमान से आफत बनकर बरस रही है। जिसके चलते लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। धारचूला में एलाधार के पास लटके बोल्डर कभी भी बड़ी तबाही ला सकते हैं। इसे देखते हुए एलधारा, मल्ली बाजार और कुटी खेड़ा के सौ से ज्यादा परिवारों ने अपने घर छोड़ दिए हैं। किसी ने रिश्तेदारों के घर में तो किसी ने कुमाऊं मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउस और स्टेडियम में शरण ले रखी है।

प्रभावित परिवारों को करीब पौने दो करोड़ के नुकसान का अनुमान है। आपदा पीड़ित नारायण लाल के साथ उनके तीन पुत्रों ओपी वर्मा, देवेंद्र वर्मा और किशोर वर्मा के कुल 15 परिजन बेघर हो गए हैं। उनका भवन और कीमती घरेलू सामान को जोड़कर करीब एक करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मदन राम के चार कमरे, एक किचन, शौचालय और वेल्डिंग, प्लम्बिंग, दो लैपटॉप सहित 30 लाख का नुकसान और आठ सदस्य बेघर हो गए हैं।

प्रशासन ने 50 आपदा पीड़ित परिवारों के लिए कुमाऊं मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउस और स्टेडियम में रहने-खाने की व्यवस्था की है। एलाधार, कुटी खेड़ा और मल्ली बाजार के लगभग 50 परिवारों ने रिश्तेदारों के घरों में शरण ली है। भूस्खलन से हुए नुकसान के बाद आपदा प्रभावित सहमे हुए हैं।

धारचूला-तवाघाट सड़क के ऊपरी हिस्से से हुए भूस्खलन की चपेट में आने से धारचूला में पांच व्यापारिक प्रतिष्ठान और तीन आवासीय भवन ध्वस्त हो गए। आपदा की सूचना पर मौके पर पहुंचे कुमाऊं स्काउट के जवानों ने 45 मिनट में क्षेत्र को खाली कराकर रेस्क्यू अभियान शुरू किया।

कुमाऊं स्काउट का रेस्क्यू दल एंबुलेंस, मेडिकल स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचा। उन्होंने 45 मिनट में पूरे क्षेत्र को खाली कराया। कुमाऊं स्काउट के कमान अधिकारी कर्नल अजय पाल सिंह ने रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने बीआरओ के अधिकारियों को भी भूस्खलन रोकने के लिए शीघ्र प्रभावी कदम उठाने को कहा है। यूपीसीएल को विद्युत व्यवस्था बहा