उत्तराखंड : श्री देव सुमन विश्वविद्यालय का कारनामा, ये है तैयारी

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देहरादून: श्री देव सुमन, जिनको पहाड़ का भगत सिंह कहा जाता है। वो श्री देव सुमन जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका निभाई। जिन्होंने राजशाही के खिलाफ ऐतिहासिक भूख हड़ताल की और शहादत दे दी। उनके नाम पर बने श्री देव सुमन विश्वविद्यालय में नौकरियों के नाम पर काले कारनामे किए जा रहे हैं। नियमों को दरकिनार कर पहली भी भर्ती की गई और अब एक बार फिर से उसी तरह भर्ती करने की तैयारी है।

श्री देव सुमन विश्वविद्यालय ने कंप्यूटर प्रोग्रामर, तकनीकी सहायक, कनिष्ठ अभियंता सिविल, कंटेंट राइटर, इलेक्ट्रिीशियन और पलंबर की भर्ती निकाली है। इसके लिए श्रम विभाग के प्रचलित नियमों के अनुसार भर्ती की बात कही गई है। भर्ती वाक-इन-इंटरव्यू के जरिए की जाएगी। इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं। खास बात यह है कि विश्वविद्यालय श्रम विभाग के उस शासनादेश के तहत भर्ती कर रहा है, जो विश्वविद्यालय पर लागू ही नहीं होता है।

इससे पूर्व में भी विश्वविद्यालय के मुख्यालय और ऋषिकेश परिसर में विभिन्न पदों पर श्रम विभाग के उस शासनादेश के तहत भर्ती कराने के बाद वेतन भी आहरित कर रहा है, जो पूरी तरह से नियमों के खिलाफ है। जिस जीओ के माध्यम से इनका वेतन निकाला जा रहा है, वह विश्वविद्यालय पर लागू ही नहीं होता, ऐसे में इन कार्मिकों को कैसे वेतन दिया जा रहा है ? यह अपने आप में गंभीर सवाल तो खड़े करता ही है। साथ ही यह वित्तीय अनियमितता का मामला भी है।

जिस शासनोदेश के आधार पर भर्ती की गई है। उसकी पहली बात यह है कि वह उन मदरसों पर लागू होता है, जिनमें फीस नहीं ली जाती है। उन प्राइवेट स्कूलों के लिए भी मान्य है, जो किसी संस्था की ओर से संचालित हैं और या तो फीस नहीं लेते हैं या फिर नाम मात्र की फीस लेते हैं। विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए फीस ली जाती है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल तो यही उठता है कि इसके आधार पर भर्ती कैसे की गई।

जानकारी के अनुसार ऋषिकेश परिसर में जो गेस्ट फैकल्टी लगाई गई है, उनकी नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय ने शासन से कोई अनुमनति प्राप्त नहीं की है। आलम यह है कि किसी भी रेगुलेटरी बोर्ड से इस संबंध में कोई अनुमति नहीं ली गई।

विश्वविद्यालय ने एक बार फिर विभिन्न पदों पर दैनिक वेतनभोगी कार्मिक नियुक्त करने के लिये विज्ञापन जारी किया, जो कि विवादों में आ गया है। विश्वविद्यालय ने उक्त विज्ञापन में ऐसे पदों पर दैनिक वेतनमान पर कार्मिक रखे जो समूह ‘ख’ के पद हैं।

नियुक्तियों के मामले में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने जांच के आदेश दे दिए हैं। मामले में सचिव को जांच करने के लिए कहा गया है। उनका कहना है कि गड़बड़ी किसी हाल में बर्दाश्त नहीं जाएगी, जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

वहीं, इस मामले में वित्त अधिकारी नीलू वर्मा का कहना है कि नियुक्तियां कार्मिक विभाग करता है। उनके संज्ञान में जांच की बात है, लेकिन अब तक जांच के आदेश उनके पास नहीं पहुंचा है। जैसे जांच के आदेश प्राप्त होगा, उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।