उत्तराखंड: जोशीमठ बचाओ रक्षा महायज्ञ संपन्न, दो माह से चल रहा था सहस्त्र चंडी महायज्ञ

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जोशीमठ: आदि गुरु शंकराचार्य की नगरी और प्राचीन ज्योतिर्मठ में दैवीय शक्तियों के जागरण हेतु ज्योतिष्पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती महाराज के आशीर्वाद से ब्रहमचारी मुकुंदानंद की ओर से संपूर्ण जोशीमठ के विद्वत जनों और गणमान्य लोगों के सहयोग से श्री नृसिंह पुराण परायण और महायज्ञ आयोजित किया गया। नृसिंह मंदिर के निकट मां दुर्गा मंदिर में 16 जनवरी से सहस्त्र चंडी सम्पुटित महायज्ञ प्रारंभ हुआ, जिसमें जोशीमठ भू धंसाव आपदा से रक्षा हेतु लाखों आहुतियां डाली गयी।

महायज्ञ का सफल समापन हो गया है। इस अवसर पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार, पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, सेना के उच्च अधिकारियों के पारिवारिक जन, जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती, थानाध्यक्ष केएस भट्ट, महिला मंगल दल, देव पुजाई समिति के अध्यक्ष भगवती प्रसाद नंबूदरी , नगरपालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पंवार, पीठ पुरोहित आनंद सती, ज्योर्तिमठ प्रबंधक ब्रह्मचारी विष्णुप्रियानंद तथा पूर्णाहुति विधि सम्पन्न कराने के लिए काशी से कृष्णयजुर्वेद के विद्वान धनंजय दातार शास्त्री मौजूद रहे।

इस अवसर पर श्री नृसिंह मंदिर परिसर में भजन कीर्तन विशाल भंडारा भी आयोजित किया गया। ज्योतिर्मठ के प्रभारी ब्रहमचारी मुकुदानंद ने बताया कि पूज्यपाद शंकराचार्य महाराज के निर्देशन में जोशीमठ भू-धंसाव आपदा के दौरान शुरू हुए तथा दो माह तक चले धार्मिक सहस्त्र चंडी महायज्ञ हवन अनुष्ठान का समापन हो गया है ।

आपदा से सबकी रक्षा हेतु प्रार्थना की गयी। उन्होंने बताया कि विगत बृहस्पतिवार को चारधाम शीतकालीन यात्रा और आगामी चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों को संदेश पहुंचाने के लिए ज्योतिर्मठ शीतकालीन मंगल यात्रा आयोजित की गई, जहां व्यापक जन सहयोग मिला‌।

ज्योर्तिमठ में सहस्त्र चंडी महायज्ञ में सहयोगी और आचार्य गणों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किया। आचार्य जनों को सम्मानित किया साथ ही जोशीमठ के सभी विद्वतजनों आमजनमानस के सहयोग हेतु आभार जताया।