तबलीगी जमात से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान बोला सुप्रीम कोर्ट, “इससे देश की छवि खराब हो रही है…”

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फर्जी खबरों के प्रसारण पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। जिसकी सुनवाई प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ कर रही है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र पर नाराजगी जाहिर की है। गुरुवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एनवी रमण ने कहा कि सोशल मीडिया पर बहुत सी फर्जी खबरें जारी की जा रही हैं। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि जजों के लिए भी बुरा-भला लिखा जा रहा है।

बता दें कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अपनी याचिका में निजामुद्दीन स्थित मरकज में धार्मिक सभा से संबंधित फर्जी खबरों के फैलने की शिकायत की थी। उनकी मांग है कि इस फर्जी खबरों को फैलने से रोका जाए और जो भी शख्स इसके लिए जिम्मेदार है उनको सख्त से सख्त सजा दी जाए। इस मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि “निजी समाचार चैनलों के एक वर्ग में दिखाई हर चीज साम्प्रदायिकता का रंग लिए है। आखिरकार इससे देश की छवि खराब हो रही है। क्या आपने (केंद्र) इन निजी चैनलों के नियमन की कभी कोशिश भी की है।”

कोर्ट ने आगे कहा कि “सोशल मीडिया केवल शक्तिशाली आवाजों को सुनता है और न्यायाधीशों, संस्थानों के खिलाफ बिना किसी जवाबदेही के कई चीजें लिखी जाती हैं। वेब पोर्टल्स और यूट्यूब चैनलों पर फर्जी खबरों तथा छींटाकशीं पर कोई नियंत्रण नहीं है। अगर आप यूट्यूब देखेंगे तो पाएंगे कि कैसे फर्जी खबरें आसानी से प्रसारित की जा रही हैं और कोई भी यूट्यूब पर चैनल शुरू कर सकता है।” कोर्ट ने सोशल मीडिया पर उड़ी सभी फर्जी खबरों को रोकने के लिए कहा है।