स्वामी प्रसाद मौर्य थामेंगे भाजपा का हाथ, मायावती को होगा कैडर वोट का नुकसान

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लखनऊ/नयी दिल्ली : बहुजन समाज पार्टी का परित्याग करने वाले नेता स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा में शामिल होंगे. इसके संकेत तब मिले जब कल मौर्य ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की. खबर है कि मौर्य आठ अगस्त को अधिकारिक रूप से भाजपा में शामिल होंगे.
मौर्य बसपा के कद्दावर नेता थे लेकिन उन्होंने पार्टी छोड़ते वक्त मायावती पर यह आरोप लगाया था कि उन्हें दलितों से कोई लेना-देना नहीं है. वे भले ही दलितों के नाम पर राजनीति करतीं हैं, लेकिन अपने हित के लिए. इसके साथ ही उन्होंने मायावती पर टिकटों की खरीद-फरोख्त का भी आरोप लगाया था. हालांकि मौर्य के पार्टी छोड़कर जाने के बाद मायावती ने यह बयान दिया था कि मैं उन्हें पार्टी से निकालने ही वाली थी, उनकी बहुत शिकायत आ रही थी.
स्वामी ने जब बसपा छोड़ी तो यह कयास लगाये जा रहे थे कि वे मायावती की धुर विरोधी पार्टी समाजवादी पार्टी के साथ जायेंगे. लेकिन सपा नेता आजम खां ने उनपर तीखी प्रतिक्रिया कर दी. उन्होंने यहां तक कह दिया था कि वे जहां से आये हैं वहीं चले जायें, जिसके बाद ऐसा लगा कि मौर्य सपा के साथ नहीं जायेंगे. मौर्य ने सपा पर टिप्पणी भी की थी.
स्वामी प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश के मजबूत दलित नेता हैं, उनका अपना एक वोट बैंक है, जो इस बात से दुखी है कि मायावती ने स्वामी का सम्मान नहीं किया. स्वामी पडरौना विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं, वे चार बार विधायक रह चुके हैं. संभव है कि अगर वे भाजपा के साथ आये, तो उनके समर्थक भी भाजपा के साथ आयेंगे, जिसका फायदा आगामी विधानसभा चुनाव में दिखेगा. यह स्थिति निश्चित रूप से मायावती को परेशान करेगी, क्योंकि दलित उनके कैडर वोटर हैं.