सांसदों का निलंबन खत्म करने के लिए 4 दलों को सरकार का बुलावा, विपक्ष ने किया बातचीत से इंकार…

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संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन संसद में विपक्ष का हंगामा देखने को मिला था। जिसके अगले दिन 12 सांसदों को सदन से निलंबित कर दिया गया था। जिसके विरोध में विपक्ष ने आंदोलन शुरू कर दिया था, जो अब तक जारी है। विपक्ष की मांग है कि बिना किसी शर्त के निलंबित सांसदों को फिर से उनका पद दिया जाए। बता दें कि अभी तक इस मुद्दे का कोई हल नहीं निकला है। लेकिन सरकार ने विपक्ष को इस मामले को हल करने का एक मौका दिया है। सरकार ने निलंबित सांसदों के चार दलों को आज बातचीत का न्योता दिया है।

सरकार के इस प्रस्ताव पर भी विपक्ष ने हमला बोला है। विपक्ष के नेताओं ने सरकार से सवाल किया है कि सिर्फ चार ही दल क्यों.? विपक्ष का मानना है कि सरकार चार दलों को बातचीत के लिए बुलाकर विपक्ष की एकता को तोड़ना चाहती है। कांग्रेस ने सरकार के इस प्रस्ताव को अनुचित करार दिया। वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने भी कांग्रेस की इस बात पर सहमति जताई। इनके अलावा शिवसेना नेता संजय राउत ने भी सरकार के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।

उन्होंने कहा कि “सरकार की ओर से बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है। और इसमें भाग लेने को लेकर अंतिम फैसला विपक्षी दलों की सुबह होने वाली बैठक के बाद होगा।” गौरतलब हैं कि इस दौरान नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसदीय कार्य मंत्री को एक पत्र लिखा। जिसमें उन्होंने सरकार के इस प्रस्ताव का जिक्र किया। उन्होंने लिखा कि “12 सांसदों के निलंबन के खिलाफ सभी विपक्षी दल एकजुट हैं। हम 29 नवंबर से अनुरोध कर रहे हैं कि राज्यसभा चेयरमैन या सदन के नेता पीयूष गोयल सभी विपक्षी दलों के साथ एक बैठक बुलाएं, ताकि गतिरोध को खत्म किया जा सके। लेकिन इस पर कुछ नहीं किया गया। ऐसे में सभी विपक्षी दलों को बुलाने की बजाय चार दलों को बुलाना अन्यायपूर्ण और दुर्भाग्यपूर्ण है।”