प्रीति राठी के हत्यारे के लिए फांसी की सजा की मांग

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मुंबई: तीन साल पहले हरियाणा की प्रीति राठी मुंबई आई थी नर्स बनने, लेकिन स्टेशन पर उतरते ही एक सिरफिरे ने उसके चेहरे पर तेजाब फेंक दिया. लगभग महीने भर अस्पताल में अपने जख्मों से जूझने के बाद प्रीति ने दम तोड़ दिया. मंगलवार को इस मामले में मुंबई की सत्र अदालत अपना फैसला सुनाएगी. परिवार प्रीति के गुनहगार के लिए एक ही सजा चाहता है … सज़ा-ए-मौत.
सब कुछ ठीक रहा होता तो प्रीति नौसेना में बतौर नर्स तीन साल बिता चुकी होती, लेकिन दिल्ली से मुंबई के सफर ने सब कुछ बदल दिया. दो मई 2013 को बांद्रा टर्मिनस पर हुए एसिड अटैक में प्रीति का चेहरा, दोनों आंखें, आहार नलिका और फेफड़े सब चले गए थे. अस्पताल में भर्ती कराया गया तब प्रीति ने चिट्ठियां लिखनी शुरू कीं. उसने बार-बार सवाल उठाया कि आखिर उसके साथ ऐसा क्यों हुआ.
महीने भर में प्रीति की हालात बिगड़ने लगी. परिवार वालों को डॉक्टरों ने बता दिया था प्रीति के शरीर में अब जहर बनने लगा है. बेहद साहसी प्रीति अपने परिवार को इस हालत में भी परेशान नहीं देखना चाहती थी. वह बार-बार अपने छोटे भाई बहनों की सुरक्षा की बात करती रही. आखिरकार एक जून 2013 को उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया. इस बीच पुलिस ने एक आरोपी को पकड़ा, लेकिन परिवार ने इस जांच और आरोपी पर सवाल उठाए. पिता अमर सिंह राठी ने मामले में सीबीआई जांच की मांग की.
लगभग आठ माह की आंख-मिचौली के बाद प्रीति राठी का असली आरोपी आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ा. रेलवे पुलिस से जांच का जिम्मा अदालत ने मुंबई क्राइम ब्रांच के सुपुर्द कर दिया जिसने मामला संभालने के महीने भर बाद असली आरोपी को पकड़ने का दावा किया. प्रीति पर एसिड से हमले का आरोप लगा उसके पड़ोसी अंकुर पनवर पर जो होटल मैनजमेंट का कोर्स पूरा करने के बाद कई दिनों से बेरोजगार था. जब प्रीति पर तेजाब से हमला हुआ अंकुर ने हरिद्वार में होने का दावा किया था लेकिन उसके मोबाइल लोकेशन से उसका झूठ पकड़ा गया. उस वक्त पुलिस की दलील थी कि यह मामला नौसेना में प्रीति के चयन के बाद उसके पड़ोसी अंकुर के जलन का था.