पुलिस की हैवानियत: कान में करंट लगाया, पानी में डुबो कर मारा

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बृहस्पतिवार को अहिरवां पुलिस चौकी में कमल बाल्मीकि ने पुलिस की यातना से त्रस्त होकर फांसी लगाई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुलिस की हैवानियत सामने आई है।
पूरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट पढ़ें तो समझ में आता है कि पुलिस की थर्ड डिग्री ऐसी होती है कि कोई भी फांसी लगा लेगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मौत से पहले कमल को बहुत यातनाएं दी गईं। दोनों कानों के पीछे मिले बड़े घाव बता रहे थे कि कमल के कानों में करंट लगाने के लिए क्लिप लगाई गई होगी।
चकेरी की अहिरवां चौकी में चोरी के आरोप में पकड़ कर लाए गए युवक कमल बाल्मीकि (26) का शव बृहस्पतिवार सुबह आरक्षी बैरक में पंखे से लटका मिला था। बृहस्पतिवार देर रात ढाई बजे के बाद तक कमल के शव का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल ने किया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार कमल के दाहिने पुट्ठे पर एक बड़ा घाव मिला है। यह पुलिस की पिटाई से हुआ है। कानों में करंट लगाने का पता चला है। कमल के पेट में सिर्फ 12 एमएल तरल पदार्थ मिला है।
जिससे स्पष्ट है कि टार्चर के 12 घंटे पहले से कमल को सिर्फ पानी दिया गया था, खाने को कुछ भी नहीं दिया गया। कमल के शरीर पर सभी चोटें मृत्यु पूर्व की थीं।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक लूट कबूलवाने के लिए कमल को खाली पेट रखा गया और बुरी तरह पीटा गया। बुधवार रात 12 और बृहस्पतिवार दिन में 12 बजे के बीच कमल की मौत हुई।
गले में रस्सी का तिरछा निशान साबित करता है कि कमल फंदे पर लटका था। अब सवाल ये है कि अहिरवां चौकी में रस्सी कहां से आई। कमल जब फंदा लगा रहा था तो चौकी के पुलिसकर्मी कहां थे।
कमल बाल्मीकि के भाई निर्मल ने पुलिसिया टार्चर की पूरी कहानी खोल कर रख दी। निर्मल ने बताया कि चकेरी पुलिस की स्पेशल टीम ने उसे और उसके बड़े भाई कमल को मंगलवार को उनके घर के पास से उठाया था। निर्मल के मुताबिक पहली रात उन्हें कोयलानगर चौकी में रखा गया था।
चौकी में सिपाहियों ने एक ड्रम में पानी भरकर रखा था और करंट वाली मशीन रखी थी। एक बार पानी में मुंह डुबाते थे फिर मुंह में कपड़ा ठूंसकर करंट लगाते थे। पानी में मुंह डूबने पर हम लोग छटपटाते थे तो सिपाही पीछे से डंडा मारते थे। ये यातना घंटों चली और लाख मांगने पर भी पानी की एक बूंद नहीं दी गई।
पुलिस उनसे टीवी एक्ट्रेस के घर चोरी कबूलने को कह रही थी। निर्मल के मुताबिक अगली रात उसे और कमल को लालबंगला चौकी में रखा गया। वहां भी घंटों टार्चर चलता रहा। टार्चर से टूटकर कमल चोरी कबूलने को तैयार हो गया था लेकिन पुलिस उससे माल बरामदगी के लिए गहने और पैसे का इंतजाम करने को कह रही थी।
इसके बाद बुधवार रात पुलिस कमल को कहीं और ले गई। निर्मल के अनुसार कमल की मौत के बाद ही घबराकर पुलिस ने उसे छोड़ा वर्ना उसे भी फर्जी मामले में फंसा देती।