टूट गया जादूगर का तिलिस्म, नहीं लड़ेंगे कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव, सोनिया गांधी से मांगी माफी

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नई दिल्ली:अशोक गहलोत का कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा था। लेकिन, राजस्थान का मोह नहीं त्याग पाए। अब उनके सामने दोहरा संकट है। अब उनका अध्यक्ष बनने का सपना कभी पूरा नहीं हो सकेगा। इतना ही नहीं। उनके सामने सीएम पद खोने का भी संकट मंडरा रहा है।

सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद अशोक गहलोत के तेवर एकदम नरम पड़ते दिख रहे हैं। मीटिंग के बाद निकले अशोक गहलोत ने कहा कि मैंने सोनिया जी से राजस्थान की घटना को लेकर माफी मांग ली है। अशोक गहलोत ने कहा, श्कांग्रेस में मुझे बीते 50 सालों से सम्मान मिलता रहा है। हमेशा मुझ पर विश्वास करके जिम्मेदारी दी गई। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी से लेकर आज तक मुझ पर भरोसा रखा गया। कांग्रेस महासचिव से लेकर तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने तक का सफर हाईकमान के आशीर्वाद से ही रहा है।

अशोक गहलोत ने कहा कि रविवार को जो घटना हुई थी, उसने मुझे हिलाकर रख दिया है। इससे यह संदेश गया कि जैसे मुख्यमंत्री बना रहना चाहता हूं। इसे लेकर मैंने सोनिया गांधी जी से माफी मांगी है। हमारे यहां एक लाइन का प्रस्ताव पारित करने का तो प्रस्ताव रहा ही है।

दुर्भाग्य की बात रही कि वह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया। मैं उसे पारित नहीं करा पाया तो सीएम रहने के चलते मैं अपनी गलती मानता हूं। राजस्थान के सीएम ने कहा कि पूरे देश में मुझे लेकर गलत माहौल बनाया गया। अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर अशोक गहलोत ने कहा कि जो हुआ है, उस हालात में मैने तय किया है कि अब कांग्रेस अध्यक्ष का इलेक्शन नहीं लड़ूंगा।