इस देश के रा’ष्ट्रपति ने जताया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभा’र, कह डाली यह ब’ड़ी बात..

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कोरोना वाय’रस के खि’लाफ छि’ड़ी इस जंग में भारत महत्व’पूर्ण भूमिका निभाता हुआ दिखाई दे रहा है। दूसरे देशों के लिए मलेरिया रो’धी दवा ‘हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन’ के एक्सपोर्ट का रास्ता खोलने के बाद कई देशों ने खुले दिल से भारत का आभार जताया है। जिसमें अब रूस ना नाम भी शामिल है। इसी बारे में रूस के रा’ष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता का बयान सामने आया है। भारतीय दूत को मिले संदेश के मुताबिक रा’ष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता ने कहा कि “कोरोना वाय’रस से लड़ने के लिए दवाओं की आपूर्ति के नि’र्णय के लिए रूस भारत का आभा’री है। हम भारत के इस फैसले को कोरोना वाय’रस के खि’लाफ लड़ा’ई में सहयोग पर समझौतों को लागू करने की दिशा में एक प्रभावी कदम मानते हैं।”

रूस की न्यूज एजेंसी के अनुसार क्रेमलिन ने यह क़दम बड़ा महत्व’पूर्ण बताया है और साथ ही कहा कि रूस का यह क़दम दोनों देशों की मजबूत पार्टनरशिप की मिसाल है। शुक्रवा’र को क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इस बारे में बताते हुए कहा कि कोरोना वाय’रस से लड़ने में दवाइयों के निर्यात के लिए भारत का शुक्रगुजार है। उन्होंने कहा कि “मास्को इस बात से खुश है कि भारत की सरकार ने हमें कोरोना वाय’रस से लड़ने में दवाइयों की शिपमेंट भेजकर मदद दी है। हम इसके लिए आभा’र व्यक्त करते हैं।” साथ ही उन्होंने कहा कि 25 मार्च को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के रा’ष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर बात हुई थी। इस बातचीत में उन्होंने कोरोना वाय’रस पर चर्चा की थी।

उन्होंने कहा कि महामा’री कोरोना वाय’रस से इस जं’ग में भारत के सहयोग के कार’ण दोनों देशों के बीच रिश्ते सही हुए है। उन्होंने कहा कि “भारत खुद इस वक्त महामा’री के दौर से गुजर रहा है। इस कठिन घड़ी में दवाइयों को भेजने का फैसला दोनों देशों के बीच मजबूत पार्टनरशिप का एक उदाहर’ण है।” इससे पहले भी भारत में रूस के राजदूत निकोलेई कुवाशेव ने कहा थ कि कोरोना वाय’रस से लड़ने के लिए भारत रूस में दवाइयां भेज रहा है। उन्होंने बताया कि इन दवाइयों में ज़्यादा तर पैरासिटामोल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन जैसी मेडिसीन हैं। साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि यह दवाइयों का शिपमेंट अप्रैल के आखिर या मई कि शुरुआती दिनों में रूस तक पहुंच जाएगा।