अफगान मुद्दे पर भारत-अमेरिका की करीबी से पाक की नींद उड़ी

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नई दिल्ली। अफगानिस्तान के मुद्दे पर अमेरिकी रुख में बड़ा बदलाव नजर आ रहा है। अमेरिका को ये लगता है कि अफगानिस्तान की सुरक्षा में पाकिस्तान से ज्यादा मददगार भारत हो सकता है। अमेरिकी रुख में इस बदलाव से पाकिस्तानी खेमे में हड़कंप है।
हाल ही में अफगानिस्तान को भारत ने चार एमआई-25 हेलीकॉप्टर उपहार में दिए हैं। अफगानी सेना ने भारत से और हेलीकॉप्टर देने की अपील की है। अमेरिकी सुरक्षा अधिकारी अब तक इस बात को ज्यादा तरजीह देते थे कि सामरिक रूप से महत्वपूर्ण अफगानिस्तान में पाक की मौजूदगी भारत से कहीं ज्यादा जरूरी है।
मगर, अफगान प्रशासन की बदलती सोच के बाद अमेरिका भी इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि अफगानिस्तान में मौजूद आतंकियों का सामना पाकिस्तान से बेहतर भारत कर सकता है। अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के शीर्ष कमांडर जॉन निकोलस हाल ही में भारत के दौरे पर थे।
उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव एस जयशंकर और रक्षा सचिव मोहन कुमार से मुलाकात की थी। जॉन निकोलसन से मुलाकात के दौरान एमआई-25 के स्पेयर पार्ट्स का मुद्दा उठा। गौरतलब है ये हेलीकॉप्टर रूस से खरीदे गए थे।
जॉन निकोलसन ने कहा कि एमआई-25 हेलीकॉप्टर से जुड़ी जो परेशानियां सामने आ रही हैं, उन्हेें जल्द ही दूर कर लिया जाएगा। अफगानिस्तान में भारत की मौजूदगी पर पाकिस्तान सवाल उठा रहा है और सेनाध्यक्ष राहिल शरीफ ने कहा था कि अमेरिकी नीति भारत के पक्ष में झुकी हुई है।
हालांकि, जॉन निकोलसन ने कहा कि अमेरिका का मकसद आतंकवाद को परास्त करना है। इस मुद्दे पर अमेरिका भारत और पाकिस्तान को बराबर की तरजीह दे रहा है। निकोलसन ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा का उदय अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में हुआ था।
मगर, लश्कर अब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर भारत में आतंक फैला रहा है। उन्होंने कहा कि पेंटागन का भी मानना है कि पाकिस्तान हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ काम नहीं कर रहा है। हकीकत ये है कि हक्कानी नेटवर्क और तालिबान को पाकिस्तान में शरण मिला हुआ है।