उत्तराखंडः ज्योतिर्मठ पीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को लिखा पत्र

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चमोली: ज्योतिर्मठ पीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को पत्र लिखकर जोशीमठ में हो रहे भूधंसाव की समस्या समाधान का अनुरोध किया है। अपने पत्र में उन्होंने लिखाा है कि ज्योतिर्मठ आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार मठों में से एक प्रमुख मठ है। यह धार्मिक स्थल आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी स्थल होने के साथ ही देश के चार धाम में प्रमुख बद्रीनाथ धाम का मुख्य आधारस्थल भी है। इसी स्थान पर आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित पौराणिक नृसिंह मन्दिर है, जो करोड़ों हिन्दू धर्मावलम्बियों की आस्था का केंद्र है।

उन्होंने कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य की तपस्थली ज्योतिर्मठ (वर्तमान नाम जोशीमठ) के कई क्षेत्र में निरन्तर भू-धंसाव की समस्या आरम्भ हो गयी है। इसके कारण दर्जनों आवासीय भवन क्षतियस्त हो गए हैं और नगर क्षेत्र में रह रहे लोगों का जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। यह सम्पूर्ण क्षेत्र भूकम्प की दृष्टि से भी जोन-5 के अन्तर्गत आता है और अतिसंवेदनशील है।

वर्तमान में इस धार्मिक नगर में 20,000 से अधिक लोग निवास करते हैं। इस स्थान पर अनेक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल भी अवस्थित हैं। नगर के अन्तर्गत सभी आवासीय भवनों का सर्वेक्षण कराया जाने के साथ ही प्रभावित लोगों को अभिलम्ब आवासीय सुविधा प्रदान कराया जाना अति आवश्यक है। उन्होंने राष्ट्रपति से इस मामले में अपने स्तर से कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।