मेयर गामा की 5 साल में 10 गुना हुई कमाई, आरोपों के बाद दी ये सफाई

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देहरादून: नगर निगम मेयर सुनील उनियाल गामा पर आय से अधिक संपत्ति का आरोप लगा है। यह आरोप एडवोकेट और आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश नेगी ने लगाए हैं। नेगी ने आरोप दस्वाबेंजों के साथ गलाए हैं और पूरे मामले में विजिलेंस से भी शिकायत की है। इतना ही नहीं उन्होंने पीएम मोदी और सीएम धामी से भी कार्रवाई की मांग की है। आरोपों के बाद अब मेयर सुनील उनियाल गामा भी सामने आए हैं। उन्हांेने उन पर लगे आरोपों को गलत बताया और अपनी सफाई पेश की। अब देखना होगा कि सरकार इस मामले क्या कदम उठाती है?

देहरादून नगर निगम के मेयर सुनील उनियाल गामा आय से अधिक संपत्ति जुटाने के मामले को लेकर विवाद में आ गये हैं। आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश सिंह नेगी ने आरोप लगाया है कि मेयर गामा ने अपने लोकसेवक पद का दुरुपयोग करते हुए आय से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित की है। उनके अनुसार मेयर बनने के बाद गामा ने 5 करोड़ 32 लाख रुपये में 11 संपत्तियां खरीदी हैं। इसका बाजार मूल्य 20 करोड़ से भी अधिक है। उन्होंने मेयर गामा की शिकायत विजिलेंस को की है। उन्होंने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करने की मांग की है।

विकेश सिंह नेगी के मुताबिक 2018 में हुए चुनाव के समय सुनील उनियाल गामा ने लगभग सवा दो करोड़ की चल-अचल संपत्ति की घोषणा का शपथ पत्र दाखिल किया था। इसमें उनके पास छरबा विकास नगर में 12600 वर्ग और 4500 वर्ग गज का प्लाट, बंजारवाला में 260 वर्ग गज का प्लाट, कालागांव और डोभालवाला में 200-200 वर्ग गज का प्लाट और डोभालवाला में ही 333 वर्ग गज का प्लाट बताया। इसका मूल्य उन्होंने लगभग सवा दो करोड़ बताया।

आरोप है कि मेयर बनने के बाद उन्होंने अपने, अपनी पत्नी शोभा उनियाल, पुत्र शाश्वत के नाम से 11 विभिन्न संपत्तियां खरीदीं। राजस्व रिकार्ड में जिसकी कीमत 5 करोड़ 32 लाख 20 हजार है। एडवोकेट विकेश सिंह नेगी के मुताबिक इस संपत्ति का बाजार मूल्य 20 करोड़ से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि एक लोकसेवक ने आय से कहीं अधिक संपत्ति खरीदी हैं जो कि भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। उन्होंने बताया कि इस मामले की शिकायत संपूर्ण दस्तावेजों के साथ विजिलेंस को कर दी है। उन्होंने कहा कि मेयर गामा ने एक संपत्ति चुनाव लड़ने से पहले खरीद ली थी, लेकिन उसका उल्लेख चुनावी शपथपत्र में नहंी किया। यह चुनाव अधिनियम के खिलाफ है। चुनाव आयोग को इसकी शिकायत की जा रही है।


महंत से लीज पर ली जमीन भी भ्रष्टाचार की श्रेणी में
आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश सिंह नेगी का कहना है कि मेयर सुनील उनियाल गामा ने पद का दुरुपयोग करते हुए गुरु राम राय दरबार साहिब के महंत देवेंद्र दास से अपने पुत्र शाश्वत के नाम पर तीन पट्टे शहर के प्रमुख स्थानों पर किये हैं। इनमें से एक पट्टा 29 वर्ष के लिए और दो पट्टे 99-99 वर्ष की लीज का है। जिनकी लीज निकट भविष्य में स्वतः ही आगे बढ़ जायेगी क्योंकि इसमें दोनों पक्षों को काई आपत्ति नहीं होगी। इस बात का उल्लेख पट्टों की तीनों लीज डेट पर लिखा हुआ है।

एडवोकेट विकेश सिंह नेगी के अनुसार यह सरासर लोकसेवक पद का दुरुपयोग है और यह पूरा मामला भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। उन्होंने इस पट्टे को स्टैम्प डयूटी की चोरी माना है। इस जमीन का टैक्स जमा नहंी किया गया था। 99 साल की अवधि का पट्टा विलेख सीधे तौर पर विक्रय ही होता है। महंत ने भी टैक्स चोरी की है। निगम ने महंत को टैक्स चोरी का नोटिस भी जारी नहीं किया। एडवोकेट विकेश सिंह नेगी ने सरकार से मांग की है कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाए।

गामा का जवाब
मेयर सुनील उनियाल गामा ने उन पर लगे आरोपों पर सफाई दी। मीडिया के सामने आए गामा नेकहा कि जो मेरी संपत्तियों के बारे चुनावी घोषणा पत्र जानकारी दी गई थी, उसमें जितनी भी संपत्तियां मैंने दिखाई, उसके साथ आज तक की संपत्तियां छोड़ दी गई हैं। गामा का कहना है कि उन्होंने 18 साल की उम्र से काम शुरू किया। पान का खोखा चलाया, चाऊमीन बेची, वीडियो ग्राफी का काम कियाए वीडियो लाइब्रेरी चलाई, ठेकेदारी की इसके बाद 2012 तक कुछ संपत्तियां ली। उनके अनुसार मेरी ठेकेदारी अच्छी चलती थी।

गामा के अनुसार 2012 के बाद कुछ संपत्तियां खरीदी। 2017 में अपने चुनावी घोषणा पत्र में ढाई करोड़ तक की संपत्तियां चुनावी घोषणा पत्र में दिखाई थीं। उनमे से मैंने अपनी कई संपत्तियां बेची और संपत्तियों की दरें बढ़ी, जिसका केवल मुझे ही नहीं सबको फायदा हुआ। कुछ संपत्तियां बेची हैं, तो कुछ खरीदी भी हैं

दरबार साहिब से जमीन लीज में लेने के मामले में भी मेयर गामा ने जवाब देते हुए साफ कि 2012 में महंत को आवेदन किया कि मुझे भी एक छोटा सा टुकड़ा दुकान बनाने के लिए दे दें। उनको महंत ने किराए पर प्लॉट दिया। ऐसे में उसे मेयर बनने के बाद से क्यों जोड़ा जा रहा है। जबकि श्री गुरुराम राय से जुडी सम्पत्तियों का वाद अभी भी चल रहा है और उन्हें लगातार नोटिस दिया जा रहा है।