श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में मतदाताओं के ”ध्रुवीकरण” का बीजेपी का प्रयास विफल होगा क्योंकि तृणमूल कांग्रेस राज्य में लोकसभा चुनावों में जबर्दस्त जीत हासिल करेगी। अब्दुल्ला ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘टैग’ करके किये ट्वीट में कहा, ”बीजेपी पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग के साथ साठगांठ कर सकती है, वे मतदाताओं को बांटने और उनका ध्रुवीकरण करने के उद्देश्य से प्रचार अभियान में कटौती कर सकते हैं, वे आचार संहिता उल्लंघनों को नजरअंदाज कर सकते हैं, इन सबसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि 23 (मई) तारीख को दीदी (ममता बनर्जी) पश्चिम बंगाल में जबर्दस्त जीत हासिल करेंगी।”
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री परोक्ष रूप से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के दौरे के दौरान कोलकाता में हिंसा का जिक्र कर रहे थे। ममता बनर्जी ने हिंसा के बीच राज्य में चुनाव प्रचार की अवधि कम करने के चुनाव आयोग के निर्णय का विरोध किया है और अन्य विपक्षी नेताओं और दलों ने भी ममता बनर्जी का समर्थन किया है।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में 16 मई को रात दस बजे से हर प्रकार के प्रचार अभियान पर प्रतिबंध लगा दिया है। उपचुनाव आयुक्त चंद्रभूषण कुमार ने बताया कि देश के इतिहास में संभवत: यह पहला मौका है जब आयोग को चुनावी हिंसा के मद्देनजर किसी चुनाव में निर्धारित अवधि से पहले चुनाव प्रचार प्रतिबंधित करना पड़ा हो।
लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में आठ राज्यों की 59 सीटों पर 19 मई को होने वाले मतदान में पश्चिम बंगाल की नौ सीटें भी शामिल हैं। पूर्व निर्धारित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार इस चरण के मतदान से 48 घंटे पहले, 17 मई को शाम पांच बजे से चुनाव प्रचार थम जायेगा।
लेकिन पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति का हवाला देते हुये आयोग ने राज्य में निर्धारित अवधि से एक दिन पहले, 16 मई को रात दस बजे से किसी भी प्रकार का चुनाव प्रचार प्रतिबंधित कर दिया है। यह प्रतिबंध राज्य की सभी नौ सीटों पर 19 मई को शाम पांच बजे मतदान पूरा होने तक जारी रहेगा।